Rajyasatta Dharmasatta Se Mahattvapurna Hoti Hai ? | Mahasattvashali – 187
धर्मसत्ता राज्यसत्ता से #Superior होती है..!! राज्यसत्ता का Governing power अपने देश या राष्ट्र तक
धर्मसत्ता राज्यसत्ता से #Superior होती है..!! राज्यसत्ता का Governing power अपने देश या राष्ट्र तक
आज सरकार, एक तरफ अन्य धर्मीयों को उनकी विरासत वापिस लौटा रही है..!! दूसरी ओर
आज धर्म आराघना करने वाला श्रद्धालु अनुयायी वर्ग धर्म की आस्था से जो भी धर्म
आज ट्रस्टियों का राज चलता है, इसलिये वो हमें उपाश्रय में उतरने न दें, प्रवचन
जैनीयों के मन में एक गलतफहेमी ऐसी भी है कि जैनधर्म के पास ढेर सारी
जैन साधु के पवित्र जीवन की, उनके तप-त्याग-संयम की, उनके पवित्र आचारों की, लोगों के
आप सत्य से इतना गभराते क्यों हैं..?? क्या मैं आपका कुछ लूंट लेनेवाला हूँ..?? जो
ट्रस्ट यानि सरकार के कायदे से चलती संस्था..!! उसमें जो भी दान आए वो सीधा
आज जैनीयों में तीर्थरक्षा की भावना तो है, लेकिन उसके लिये क्या प्रयत्न करने चाहिए
The essence of every Jinvachan lies in the principle of ‘Anae Dhammo’. The Jain Agams