Shaasan Sthaapna Divas | Sangh Sattak Divas Nimantran

क्या आप शासन संचालन के लिए आचार्य भगवंतों से श्रावकों को अधिक सक्षम मानते हैं?

क्या आचार्य भगवंतों से ज़्यादा शास्त्रज्ञान श्रावकों को होता है?

क्या श्रावकों का शासन के प्रति समर्पण आचार्य भगवंतों से अधिक होता है?

क्या श्रावकजन आचार्य भगवंतों से ज़्यादा समय धर्म के लिए दे सकते हैं?

क्या श्रावकों के पास आचार्य भगवंतों से अधिक धर्मक्षेत्र का अनुभव होता है?

यदि नहीं तो जिनशासन की सत्ता शासन नायक आचार्य भगवंतों के हाथों से श्रावकों के हाथो में चली जाय, यह मँज़ूर हो सकेगा?

लेकिन पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाये ऐसी दर्दनाक वास्तविकता है कि, श्रावकों की सत्ता सदियों से जिनशासन पर जम चुकी है, जिसके कारण शासन की पनौती बैठ गयी है।

अब अवसर है, जागृत बनने का, शासन सेवा के लिए कटिबद्ध बनने का।

वैशाख सुदी ११, १२ मई , गुरुवार को शासन स्थापना दिन यानी संघसत्ताक दिन के उत्सव में सहभागी होने का सकल श्री संघ को निमंत्रण है।

शुभ निश्रा: धर्मतीर्थ संरक्षक गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद विजय युगभुषणसूरीश्वरजी महाराजा (पंडित म.सा.) आदि विशाल श्रमण श्रमणी समुदाय

शुभ स्थल: तेजपाल हॉल, अगस्त क्रांति मैदान के पास, गोवालिया टैंक।

शुभ समय: सुबह 7 से 9

अधिक जानकारी और रजिस्ट्रेशन के लिए नीचे दी हुई लिंक या QR code स्कैन करें। http://qr.io/r/TLuYFk

To register give a missed call on 8356971250. Limited seats available!