Apne yaha maliki hi le li hai | Ranakpur Reel – 35
अन्य धर्मों में तो सरकार ने सिर्फ Management ही अपने हाथों में लिया है ।
अन्य धर्मों में तो सरकार ने सिर्फ Management ही अपने हाथों में लिया है ।
आपको तीर्थों की असली पहचान ही नहीं..!! जो आत्मसमाधि में जाकर प्रतिष्ठा करते हैं ऐसे
वर्तमान में ऐसी भ्रमणाएँ फैलाई जा रही हैं कि तीर्थ की मालिकी जैन संघ की
पेढ़ी ने foreign से engineers बुलाकर अच्छी तरह से राणकपुर तीर्थ को पुनर्जिवीत किया, उसी
जैनों की अनमोल विरासत श्री राणकपुर तीर्थ जैनों के दान से बना है..!! पर पेढ़ी
कोई भी वकील, CA या पढ़ा-लिखा समझदार इन Documents को go through करे तो कहेगा
प्रभुवीर की पाटपरंपरा के 50वे पट्टधर तपागच्छाधिपति आचार्य सोमसुंदरसूरिजी महाराजा के पवित्र हाथों से श्री
पेढ़ी की एक सराहनीय बात यह है कि रणकपुर तीर्थ के जीर्णोद्धार के लिये तत्कालीन
दिलसे सच्चा धर्म करना हो, तो देव–गुरु-धर्म का बहुमान हृदय में होना बहुत जरूरी है।
विश्व के सारे धर्मों के अनुयायीओ में रक्षा के लिये कमर कसने में आज जैनों