पेढ़ी को हमारे पूर्वजों ने सपोर्ट ही किया है!!!
सच में?
3 – पूर्वजों का कहना है
(गुजराती श्रृंखला में से भावानुवादित)
शेठ आणंदजी कल्याणजी की पेढ़ी के वहीवट की नियमावली (बंधारण):
अपूर्ण माहिती:
❓यह पेढ़ी की स्थापना कब हुई?
❓उसके वर्ष संवत आदि क्यों नहीं बताये गए?
❓इस पेढ़ी की स्थापना किसने की?
❓क्यों स्थापना की?
❓अहमदावाद के यह संघ को इसे *स्थापित करने की अनुमति श्री सकल संघ में से किसने दी?
❓पेढ़ी का तीर्थंकर प्रभु द्वारा स्थापित शासन और संघ से क्या सम्बन्ध है? यह नहीं बताया गया है।
“1912 में 28 दिसम्बर को हिन्दुस्तान के सकल संघ के श्रावक समुदाय के सभी *सभ्यों की सभा बुलाई गई थी।”
❓तीर्थंकर के संघ में सभ्य कहां से आये?
❓सकल संघ में से साधु साध्वीजी बाकात हैं ऐसा समझना?
❓तो फिर किसकी सभा बुलाई गई थी?
श्राद्धवर्य पंडित श्री प्रभुदास बेचरदास पारेख
(हित-मित-पथ्यं सत्यम् ता. 11-02-1969 का प्रकाशन)
हमारे पूर्वजों द्वारा अनेक अवसरों पे पेढ़ी की भूलों का जाहिर में विरोध किये जाने के बावजूद भी यदि पंडित महाराज पेढ़ी की जाहिर भूलों को जाहिर में रखे तो वे शासनके बड़े गुनहगार हो जाए!
कैसा आश्चर्यकारी न्याय!!!