आपको तीर्थरक्षा के लिए करना ही क्या है..??
जाहिर में सच्ची बात सत्त्व से करते रहिए..!!
इसमें जितने लोगों का संपर्क होगा, जितना समर्थन बढ़ेगा, उतना ही तीर्थरक्षा के कार्य को समर्थन और वेग मिलेगा..!!
क्या यह आपके लिए बड़ा कठिन काम है..??
थोड़ा समय और शक्ति का प्रयोग तीर्थरक्षा की भावना से करेंगे तो आपको आत्मिक लाभ अवश्य होगा..!!
- प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा ।
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