पापबंध उन्हें होता है जो अशुभ भाव से अनुचित वर्तन करते हैं..!! जो शुभ भाव से उचित वर्तन के साथ सत्य के लिए लड़ रहे हैं… उन्हें कोई पापबंध नहीं..!! तो फिर रक्षाधर्म के खातिर संघर्ष से क्या डरना..?? जिनशासन की बड़ी आशातना या शासन की व्यवस्थाओं को धक्का लगे ऐसे तत्त्वों के निवारण के लिए संघर्ष करना हर जैन का फर्ज है..!! . . . – प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा । . . . #SaveJainTirths #Antrikshji #SaveShikharji #SaveGiriraj #Shatrunjay #Girnar #Kesariyaji #AbuDelwara #Ranakpur #MuchalaMahavir #Taranga #Jain #Jainism #TirthRaksha #spirituality