Koi chahe kitne bhi | Mahasattvashali – 96

कोई चाहे कितने भी moral less behavior करे, आरोप लगाए, धर्मगुरुओं की गरिमा का भंग हो वैसी गंदी भाषा में लिखे, बोले या प्रचार करे… वो लोग धर्म के क्षेत्र में आकर इतने कर्मों का बंध करते हैं कि उनका भविष्य सोचें तो सहेमा जाएँगे!! उनके लिए तो करुणा ही हृदय से बहानी है.. दिल में शासन बसा है और शास्त्रों की आज्ञा भी अच्छी तरह से जानता हूँ, इसलिए अंतसमय तक तीर्थरक्षा के लिए प्रयत्न करना वही मेरा कर्तव्य रहेगा !! हाँ !! किसी के पास से certificate नहीं चाहता कि हम सच्चे तीर्थरक्षक हैं या नहीं !! केवल भगवान का certificate हमारे लिए पर्याप्त है !!
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा