Toh kaisa kahelayega?? | Mahasattvashali – 95

मकान की ownership चली जाय तो कोई बात नहीं, लेकिन खिड़कियाँ हिल रही हैं, इसलिए आवाज़ उठाए तो कैसा कहलाएगा ?? इसी तरह, हमारे अनमोल विरासत जैसे तीर्थों की मालिकी चली गई, इसके documents, proofs पेश किए जाएं तो भी जो चैन की नींद में सोते रहें और तीर्थ की खिड़की हिले, ऐसी छोटी बातों के लिए हंगामा मचाएँ तो वो कैसे कहलाएंगे ?? व्यापारी बुद्धि को काम पर लगाएं तो भी इतना तो समझ सकते हैं कि कब, कहाँ और कितने प्रयत्न हमें करने चाहिए!! तीर्थ की छोटी-छोटी समस्याओं का हल निकालना अच्छा काम है लेकिन तीर्थ Reclaim करना atmost needed या सबसे ज्यादा जरूरी है!!
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा