सूरिपुरंदर हरिभद्रसूरिजी फरमाते है कि, यदि साधु भी देवद्रव्य के नाश की उपेक्षा करे तो वह अनंत संसारी बनता है | जबकि, देवद्रव्य की तुलना में तीर्थ तो कई गुना महत्वपूर्ण है |
क्या हम तीर्थों की उपेक्षा करके अनंत संसार में भटकना चाहते हैं ? नहीं ना ?
तो आईए, इस विकट समस्या को पूरी तरह से समझें,
अधूरी समझ को पूरी और सक्रिय बनाएं।
श्री राणकपुर धर्मसभा
रविवार, 25 सितंबर 2022 | सुबह 9:00 बजे से
प्रवचनकार: धर्मतीर्थ संरक्षक, गच्छाधिपति प.पू.आ.भ.श्री विजय युगभूषणसूरीश्वरजी महाराजा (पंडित म.सा.)
गीतार्थगंगा, देरासर गली, साईंबाबा नगर, बोरिवली (वेस्ट), मुंबई
• यदि सही तरीके से प्रयत्न किया जाए, तो हम ज़रूर इस तीर्थ को बचा सकते हैं |
• राणकपुर तीर्थरक्षा से जुड़ा कोइ भी सवाल आप धर्मसभा में पूछ सकेंगे |
• पूज्यश्री द्वारा तीर्थरक्षा की दिशा में आगे बढ़ने का अमूल्य मार्गदर्शन दिया जाएगा |
• सभा के समापन पर साधर्मिक भक्ति का लाभ अवश्य दें |
संपर्क सूत्र: बिपीनभाई – 97570 92620
Watch “Ranakpur ki Karun Pukar” video series:
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