Jain tirth mein 5 lakh log ? | Mahasattvashali – 217 #religion #motivation #jaincommunity
आज शत्रुंजय या शंखेश्वर जैनतीर्थ में पांच लाख लोग इकठ्ठे हों, तो क्या हालत होगी..??
आज शत्रुंजय या शंखेश्वर जैनतीर्थ में पांच लाख लोग इकठ्ठे हों, तो क्या हालत होगी..??
तीर्थों की मालिकीयत वापस प्राप्त करने में मेरा कोई निजी स्वार्थ नहीं है..!! सीर्फ और
पवित्रता की ताकत… सत्ता, संपत्ति और पुन्य से भी कई प्रतिशत ज्यादा है..!! हमारे जैनतीर्थों
हमारे सारे #prime तीर्थों का इतिहास जैनीयों को जानने जैसा है..!! आपको यह जान के
भगवान महावीर से 250-300 साल बाद महाराजा संप्रति के समय जैनों की आबादी 40 करोड़
तीर्थरक्षा की जिम्मेदारी हरेक जैन की है। हरेक जैन as a #Stakeholder इतना तो कह
आपके घर का स्वामित्व किसी और के हाथों में हो… तो क्या आप अपने घर
राजा भी सत्ता के बल से ऐसी जबरदस्ती नहीं कर सकते कि उनके राज्य में
तीर्थभूमियाँ पवित्रता के powerhouse जैसी हैं..!! जहाँ पर मन की शांति और आत्मा के निर्मल,
अगर सच को स्थापित करना हो… तो जो झूठे हैं… ऊन्हें गलत साबित करना अनिवार्य