Waqt aa gaya hai… | Mahasattvashali – 257

इस कलिकाल में तीर्थंकर स्थापित जिनशासन की व्यवस्थाओं को जो धक्का पहुँचा है, उसे सुधारने का वक्त आ गया है..!!

इसे मामूली मत समझना, यह तो जिनाज्ञा पालन का अनमोल अवसर है..!!

शासन का हम पर जो ऋण है, उसे चुकाने की ज़रा सी भी तमन्ना हो, तो हमें शासन की प्रभावना और रक्षाधर्म के लिए तैयार हो जाना चाहिए..!!

– प. पू. गच्छाधिपति श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा