धर्मों को अपने progress के लिए धर्मस्थानों का Future Plan करना हो, उसके लिए अभी से Savings करनी हो, तो क्या हम धर्म की संपत्ति का संचय नहीं कर सकते..?? धार्मिक संपत्ति को धर्म के नीति-नियम से खर्च या invest करनी हो, तो उसमें भी सरकारी Intervention क्यों..??
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा