Malik Kise Manenge ? | Mahasattvashali – 65

साधु की मालिकीयत नहीं हो सकती, यह बात आपके मन में जमी हुई हो, तो निकाल देनी चाहिए । शास्त्रों में साधु की भी परिग्रह रहित मालिकीयत मंजूर की गई है । यदि ऐसा ना हो, तो हम कपड़े, ओघा-मुहपत्ती आदि उपकरण भी रख नहीं पाते !! कोई हमारी उपधि, उपकरण, या स्थापनाजी उठा कर ले जाना चाहे तो हम उसे रोक भी नहीं पाते !! वो हमारा है, ऐसा दावा भी नहीं कर पाते !! साधु जोभी धर्मलाभ देकर ग्रहण करता है, वो दान में दिया हुआ है । दाता अपनी मालिकीयत त्याग करता है, तब दान होता है । और यदि हम भी मालिक नहीं हुए तो उन सबके मालिक किसे मानेंगे ??
-प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा