Kya Jain Tirth Aapko Apne Lagte Hain ? | Mahasattvashali – 53

पेढ़ी की गलतीयां जाहिर करने में मुझे कोई रस नहीं है।

जैनों को सच्ची जानकारी मिले और शासन के लिये नुकशानकारी गलतीयों का rectification हो इतनी ही अपेक्षा है।

वर्तमान देशकाल ऐसे है जिसमें rectification करवाना शक्य है।

जितना हमने तीर्थो में गंवाया है, वो वापस लौट सके ऐसी वर्तमान परिस्थिति है।

लेकिन पहले आप को अपना कुछ गंवाया है ऐसा तो लगना चाहिए ना??

क्या जैन तीर्थ आप को अपने लगते है??

प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा ।

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