Kya Aap Shasan Ke Ragi Hain ? | Mahasattvashali – 54

आपके घर, furniture, सर – सामान की चोरी हो, या कोई लूंटने के लिये आए तो आप शांति से देखते रहेंगे या उसे बचाने का प्रयत्न करेंगें ??

आज हमारे पवित्र तीर्थ, धर्म स्थानों पर आपत्ति है, उसका धीरे धीरे विनाश हो रहा है, तब आपका मौन क्या सूचित करता है ??

आपको जिनशासन पराया लग रहा है या अपना ??
आप शासन के रागी है या नहीं ??

ये अपने आप से पूछने जैसा है।

– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा ।

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