Kalikaal Ka Yeh 11 Ashcharya Hai | Mahasattvashali – 51

कलिकाल का यह ग्यारहवा आश्चर्य है।

पिछले 400 सालों से जैनसंघ जिनसे दबाया जा रहा है और 200 सालों से तो ठगाया जा रहा हैं।

इतने सारे धोखे और विश्वासघात हुए हैं कि सुनेंगे तो हृदय में धरतीकंप जैसा अनुभव होगा।

लेकिन जैनों की पाचनशक्ति इतनी मजबूत है कि शासन के भारी नुकसान को भी हजम कर सकते हैं।

क्या आपके साथ किसी ने विश्वासघात किया हो, उसे भी माफ कर सकें, इतने आप क्षमाशील हैं?

प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा

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