Dharmadravya ki strength zaruri hai | Mahasattvashali – 225

धर्म का मजबूती से प्रचार करना हो, विश्व में धर्म की असरकारता से स्थापना करनी हो, धर्म के ऊँचे सत्कार्य प्रभावशालीता से करने हों, लायक जीवों तक धर्म की अच्छी बातें, आदर्श पहोंचाने हों और इस तरह धर्म का मार्ग बहता रखना हो… तो धर्मद्रव्य की Strength भी बेहद जरूरी है..!! इसी वजह से वर्तमान देशकाल को मद्दे नजर रखकर धार्मिक संपत्ति का Most Productive Investment और Sustainable investment Policies बनानी अति आवश्यक हैं..!!
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा

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