Anmol Shasan Ki Sahi Pahechan | | Mahasattvashali – 243

इस मनुष्य भव में हमें जो विचार शक्ति प्राप्त हुई है, उसका उपयोग करके आत्मा और परलोक की दृढ श्रद्धा के साथ सोचें… तो पता चलेगा कि सत्ता-संपत्ति-भोग में वास्तविक सुख नहीं..!! इस तरह जितना इनका प्रभाव मन से हटेगा… उतना ही हम सच्चा धर्म स्वीकार ने के लायक बन पाएँगे… और तभी हमें इस अनमोल शासन की सही पहचान हो पाएगी..!!
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा

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