Jim Jim Shikharji Seviyeji | Jo Tare Wo Tirth – 2

2. “जिम जिम शिखरजी सेवीइजी, तिम तिम समकित शुद्धकइजी…”
जहाँ-जहाँ तीर्थंकरों के पाँच कल्याणक हुए हो और जहाँ जहाँ तीर्थंकरों ने विचरण किया हो… वे सारे स्थल अनेक भव्य जीवों को विशुद्ध भावों की प्राप्ति करवाकर संसार समुद्र से तारनेवाले बनते हैं..!! और इसी कारण वे तीर्थ कहेलाते हैं… ऐसे तीर्थों में जाकर सम्यग्दर्शन की शुद्धि के लिए जिनेश्वर देवों की विधिपूर्वक भक्ति-उपासना करनी वही तीर्थयात्रा है… ऐसी ही एक पवित्र भूमि है… शिखरजी महातीर्थ… जहाँ वर्तमान चौबीसी के बीस-बीस तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया… जो आज भी अनेक लायक भव्य जीवों की समकित शुद्धि का श्रेष्ठ कारण है… ऐसे श्री शिखरजी महातीर्थ को सदा हमारी वंदना..!!

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