आज से सदियों पहले जब Britishers भारत आए… तब उन्होंने देखा कि यहाँ की प्रजा में धर्म की भावना बड़ी Deep Rooted है..!! भारत के राजा भी धर्म की श्रद्धावाले हैं… और भक्ति से ईश्वर के चरणों में किमती जवाहरात, जमीनें, गाँव आदि भेंट कर रहे हैं..!! भारत की प्रजा आर्य धर्मों से विमुख हो, यहाँ अपना धर्म फैला सकें और भारत की समृद्धि धर्मों में न जाए इस हेतु Britishers ने कूटनीति से धर्मों की व्यवस्था को, धर्मों की नींव तक को हचमचाने का प्रयास किया..!! यह भारत की एक कडवी पर सच्ची वास्तविक्ता है..!!
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा