Dharmaguru Ki Hukumat | Mahasattvashali – 136

धर्मक्षेत्रों पर, धर्म की assets , धर्म के symbols, तीर्थ स्थान आदि सभी शासन के अंगों पर आधिपत्य धर्माचार्यों का ही होता है, इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता ।

धर्मशास्त्रों में तो तीर्थंकर के successor के रूप में धर्माचार्य का स्वामित्व स्वीकृत किया गया है ।

हाँ भौतिक स्वार्थ या ममत्व से मालिकी करें तो दोष लगता है !

लेकिन शासन के हित में शासन का सुबद्ध संचालन, वहन करना हो, तो धर्मगुरु की हूकूमत होनी लाभकारी ही नहीं अनिवार्य भी हैं !!

– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा ।
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