Malikiyat bina parigrah | Mahasattvashali – 126

भूतकाल में मुग़ल बादशाह भी इतना तो मानते थे कि धर्माचार्य Spiritual Sovereign हैं और धर्म की सारी संपति, Assets, तीर्थ स्थान आदि पर धर्माचार्य की हुकूमत और मालिकीयत होती है..!!

लेकिन आज जैनों में ऐसी बात ठसा दी गई है कि “साधु निष्परिग्रही होते हैं और उनकी मालिकीयत नहीं हो सकती है..!!”

सत्य तो यह है कि साधु की मालिकीयत होने मात्र से उनका परिग्रह नहीं हो जाता !!

कहीं आप भी ऐसी गलतफहमियों के शिकार तो नहीं..??

– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा ।
.
.
.
Let’s #ReclaimRanakpur
https://bit.ly/lets-reclaim-ranakpur
As the first step,
Click on the above link to send email to the Rajasthan government and concerned authorities, add your name and contact number at the bottom.
.
Watch “Ranakpur ki Karun Pukar” video series:
Playlist link – https://youtube.com/playlist?list=PLeE86lgbbhubp-rJ_OWAn9tL9RxssIUMb
.
.
#Mahasattvashali #saveshikharji #savegiriraj #ranakpur #jain #jainism #jaindharm #jaintemple #jaintirth