Guru Ki Vani

ज्ञान सुधारस, सुमति प्रकाशक, मोह महातमहारी,
गुरु की वाणी हितकारी हो मेरे गुरु की वाणी हितकारी ।

मारगदेशक गुरु पथदर्शक, पामीयो हुं, मुज पुण्याई सारी,
भोगद्रष्टी से योगद्रष्टी तक ले जाओ भूमिका हमारी ।
गुरु की वाणी हितकारी हो मेरे गुरु की वाणी हितकारी ।

सत्य शुभंकर, तत्व प्रियंकर, जिनवचनो की गुरु सरवाणी,
शांत शीतल रस, मधुर मनोहारी, वाणी शुभ हितकारी।
गुरु की वाणी हितकारी हो मेरे गुरु की वाणी हितकारी ।

निर्लेप निस्पृह भाव मन मोहे, अकल अलखता से गुरू जी सोहे।
शुद्ध स्वरूप की प्यास जगाई, सहज स्वभाव योगकारी।
गुरु की वाणी हितकारी हो मेरे गुरु की वाणी हितकारी ।

गुरू मेरे युगो के भूषण, मोहजित ने की कला जो बताई,
गुरु चरण में शिवरस पाऊ, गुरू बिन कौन मोहे तारे?
गुरु की वाणी हितकारी हो मेरे गुरु की वाणी हितकारी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *