जैनधर्म के पवित्र महातीर्थ, श्रेष्ठतम शास्त्र, तीर्थंकरों का दिया हुआ मोक्षमार्ग, उंची philosophy परमेश्वर तत्व, गुरुतत्व के साथ आप जन्म से जुड़े हुए हैं।
उनका हमारे जीवन में अनन्य उपकार है। जीवन में जो भी आज अच्छा है वह देव – गुरु – धर्म के उपकार से है।
फिर भी जब तीर्थ, संघ, शासन पर आपत्ति आए तब रक्षा के लिये मन तत्पर न हो,
उनके लिये भारी उपेक्षा ही हो, तो वास्तव में शासन या देव-गुरु-धर्म के प्रति आपका समर्पण शंकास्पद नही हैं?
– प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा ।
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