हम जैसे भी हैं, किसी के #Certificate या निंदा के डर से बदल जाएँ, इतने कमज़ोर हम नहीं..!!
धर्म दृढ़ता और सत्त्व से करना ज़रूरी है..!!
धर्म के प्रति भक्ति – समर्पण होगा तो धर्म ही बल देगा..!! और सफलता भी मिलेगी..!!
दिल में एक ही तमन्ना चाहिए कि शासन की बड़ी सेवा करने का हमें मौका मिला है, वो हम गंवाना नहीं चाहते..!!
बस, ये भावना होगी तो अवश्य लाभ होगा..!!
- प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय
युगभूषणसूरिजी महाराजा ।
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