Tirthraksha Ka Mahattva | Mahasattvashali – 202

शस्त्रों में गणधरों को श्रेष्ठ भावतीर्थ कहा गया है। लेकिन उनके लिए भी पवित्र तीर्थभूमि स्वरूप स्थावर तीर्थ पूजनीय है। पुंडरीकस्वामी, गौतमस्वामी आदि ने तीर्थ का आलंबन लेकर शीघ्र कल्याण किया है..!! गणधरों जैसे उत्कृष्ट जंगम तीर्थ भी जिनसे संसार सागर तैर जाते हैं, ऐसे स्थावर तीर्थ चतुर्विध संघ के लिए तो महान आलंबन स्वरूप हैं..!! इसलिये इन तीर्थों की रक्षा का अवसर आए तो हमें कट्टीबद्ध होकर शासन सुभट की तरह सर्वस्व का बलिदान देकर भी रक्षा करनी चाहिए..!! – प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय युगभूषणसूरिजी महाराजा । . . . . . #SaveJainTirths #Mahasattvashali #Antrikshji #SaveShikharji #SaveGiriraj #Shatrunjay #Girnar #Kesariyaji #AbuDelwara